लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अगले प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लग गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी निर्विरोध यूपी भाजपा अध्यक्ष के रूप में नामांकन कर चुके हैं, महज घोषणा बाकी है। यूपी बीजेपी के इतिहास में कुर्मी बिरादरी से इस पद को संभालने वाले चौथे नेता होंगे।
यूपी भाजपा के संगठनात्मक इतिहास पर नज़र डालें तो, ओबीसी समुदाय की कुर्मी बिरादरी से पहले भी तीन नेताओं ने यूपी बीजेपी की कमान संभाली चुकी है। पार्टी ने ब्राह्मणों के बाद सबसे अधिक विश्वास कुर्मी बिरदारी पर विश्वाश जताया है। पार्टी ने अभी तक छह ब्राह्मण नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप चुकी है। पंकज चौधरी सत्रहवें प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कमान संभालेंगे। भाजपा ने इससे पहले चुनार के विधायक ओमप्रकाश सिंह (2000), फैज़ाबाद से पूर्व संसद विनय कटियार (2002-2004) और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (2019-2022) को पार्टी की कमान सौंप चुकी है।
कुर्मी कार्ड: सियासी समीकरण साधने की रणनीति
उत्तर प्रदेश में कुर्मी मतदाताओं का प्रतिशत 6 से 10 प्रतिशत के बीच है और ये वोटर राज्य की 40 से 50 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। लोकसभा चुनाव में संविधान बचाव के नारे साथ कुर्मी मतदाताओं ने महागठबंधन का साथ दिया था, जिसको लेकर भाजपा बहुत दिनों से चिंतित थी। पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।
यह भी पढ़ें : पंकज चौधरी निर्विरोध बने यूपी भाजपा अध्यक्ष, सीएम योगी सहित कई दिग्गज बने प्रस्तावक
ओबीसी चेहरा: पंकज चौधरी ओबीसी वर्ग से आते हैं और कुर्मी समुदाय का एक बड़ा चेहरा हैं। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी कुर्मी वोटरों को साधने और ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी।
पूर्वांचल पर फोकस: चौधरी पूर्वांचल क्षेत्र (महाराजगंज) से आते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोरखपुर से हैं, जो पूर्वांचल का हिस्सा है। इस प्रकार, प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों का पूर्वांचल से होना, पार्टी की क्षेत्रीय रणनीति में इस इलाके के महत्व को रेखांकित करता है।
पंकज चौधरी: एक अनुभवी और कद्दावर नेता
पंकज चौधरी की राजनीतिक छवि साफ-सुथरी मानी जाती है। उन्होंने 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी और अपनी काबिलियत के दम पर पार्टी में अपना कद बढ़ाया है। महाराजगंज लोकसभा सीट से सात बार सांसद रह चुके चौधरी, केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी आलाकमान किस चेहरे पर मुहर लगाता है, लेकिन कुर्मी बिरादरी के चौथे नेता के रूप में पंकज चौधरी का नाम सामने आना, यह संकेत देता है कि पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए सामाजिक समीकरणों को साधने पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है।
